मध्यप्रदेश में लंबे समय बाद कांग्रेसी खेमे में खुशी का माहौल देखा जा रहा है। इस खुशी का एक मात्र कारण विजयपुर विधानसभा उप चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी की जीत होना है। इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार ने मोहन सरकार में मंत्री रामनिवास रावत को हरा दिया है। रावत ने हाल ही में कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थामा था। इसके बाद भाजपा ने उन्हें मंत्री बनाया था। कांग्रेस की यह जीत प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद से जीतू पटवारी की बड़ी विजय मानी जा रही है। क्योंकि कांग्रेस ने छह बार लगातार विधायक रहने वाले रामनिवास रावत को हराया है। संभवत यह जीतू के नेतृत्व की पहली बड़ी जीत है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद जीतू को मिली पहली जीत
विजयपुर जीत के बाद जीतू पटवारी की पहली प्रतिक्रिया आई है। जीतू पटवारी ने विजयपुर की जीत को कार्यकर्ताओं को समर्पित किया है। उन्होंने लिखा विजयपुर की जीत सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की जीत है! कार्यकर्ताओं ने सभी प्रकार की यातनाओं को सहन किया! पुलिस के डंडे और मुकदमे सहे! फिर भी डटे रहे! पटवारी दिसंबर 2023 में मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बने थे। इसके बाद हुए लोकसभा के चुनाव में कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली थी। मंत्री रावत की हार पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि विजयपुर उपचुनाव में पहले दिन से माना जा रहा था कि यहां कांटे की टक्कर है। हमारे कार्यकर्ताओं ने यहां मेहनत में कमी नहीं छोड़ी। हम इस हार की समीक्षा करेंगे। चुनाव में हार-जीत लगी रहती है।
कांग्रेस प्रत्याशी ने दी कड़ी टक्कर
राजकुमार पटेल के नाम पर पार्टी में कोई मतभेद भी नहीं था, यही कारण है कि मुकाबला कांटे का रहा और रमाकांत भार्गव महज 13,901 मतों के अंतर से जीत सके। जबकि यह माना जा रहा था कि हार-जीत का अंतर 25 से 30 हजार मतों का होगा।
शिवराज के गढ़ में भाजपा को 90 हजार से ज्यादा वोट का घाटा
दूसरी तरफ पूर्व सीएम शिवराज सिंह की सीट रही बुधनी में उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी रमाकांत भार्गव 13901 वोटों से जीत गए हैं। उन्होंने कांग्रेस के राजकुमार पटेल को हराया है। सालभर पूर्व 2023 के विधानसभा चुनाव में यहां भाजपा के शिवराज सिंह चौहान 1,04.974 वोटों से जीते थे। जीत का ये अंतर 91 हजार 73 वोट घटकर 13 हजार 901 हो गया है। इस सीट पर केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई थी। शुरुआत में यहां मुकाबला कांटे का दिखा, इसके बाद बीजेपी ने बढ़त बनाई और कांग्रेस को आगे बढ़ने का मौका नहीं दिया। इस सीट पर शिवराज सिंह चौहान के अलावा उनका परिवार और सीएम मोहन यादव समेत कई भाजपा के नेता प्रचार के लिए पहुंचे थे।
दरअसल, बुधनी सीट पर किरार समाज का बड़ा वोट बैंक है। ये समाज चुनाव में बड़ा अहम रोल निभाता है। कांग्रेस ने इस सीट से जिस व्यक्ति को उम्मीदवार बनाया। वह भी किरार समुदाय से आते है। शिवराज सिंह चौहान भी इसी समुदाय से आते है। जबकि उनकी पत्नी भी इसी समाज की राष्ट्रीय अध्यक्ष भी है। 2023 के विधानसभा चुनाव में इस समुदाय ने शिवराज के पक्ष में जमकर मतदान किया था। जबकि इस उपचुनाव में इस समुदाय का रुझान कांग्रेस उम्मीदवार राजकुमार पटेल के पक्ष में जाता हुआ दिखाता है। तभी उन्हें इतने वोट हासिल हुए है। क्योंकि पटेल और उनका परिवार लंबे समय से इस क्षेत्र में काम कर रहे है।