उरई । लाल मौरंग की लूट में सत्ताधारी पार्टी के छूटभैये नेता सबसे आगे दिखाई दे रहे बड़े नेता यानि विधायक व सांसद के नाम को आगे करके अपना उल्लू सीधा करने में लगे हुए है । जालौन जिले में प्रदेश के कई जिलों के नेता लाल मौरंग के खेल में शामिल है जिसमें पड़ोसी जिले झांसी से पार्षद से लेकर पार्टी पदाधिकारी किसी दूसरे के नाम से पट्टा स्वीकृत कराकर स्वयं मालिक बने बैठे है । सत्ता की हनक खनन पट्टा को संचालित करते समय खूब दिखाते है जिसमें ओवरलोडिंग से लेकर पट्टा की सीमा से बाहर तक के खनन में नेता जी रौब गांठते नजर आते है । यही नहीं मौरंग से भरे हुए ट्रकों को बिना एमएम 11 लिए गंतव्य तक पहुंचाने में मददगार होते है ट्रकों को नियमानुसार धर्मकांटे पर तोलकर भेजने का नियम है जिसमें मानक निर्धारित किए गए है इसको भी दरकिनार किया जा रहा है । राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के मुताबिक नदी की धारा से खनन करना अपराध की श्रेणी में आता है इसके अलावा नदी के तल से मौरंग तीन मीटर से अधिक गहरी खुदाई नहीं कर सकते यदि इससे अधिक किया जाता है तो पर्यावरण को खतरा होता है जिसकी रक्षा के लिए राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण समय समय पर नियमावली सरकारों को भेजकर पालन कराने का दवाब बनाता है लेकिन इसके बावजूद सरकारों की सख्ती ठेकेदारों पर नहीं की जाती जिससे स्थानीय प्रशासन भी ठेकेदारों के सामने निरीह व असहाय दिखता है । जालौन जिले में दो दर्जन से अधिक पट्टे स्वीकृत है जिसमें एक दर्जन संचालित है नियमों की अनदेखी में पथरेठा खंड संख्या 2 तथा क्योटरा खंड 2 प्रमुख है । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा स्पष्ट निर्देश है कि मौरंग खंड से कोई भी अनियमितता पाई जाय तो तत्काल प्रभाव से खंड निरस्त करने की कार्रवाई की जाय पर ऐसा करने में स्थानीय प्रशासन नाकाम दिखाई देता है।