अरुण कुमार शेंडे
प्रखर न्यूज़ व्यूज एक्सप्रेस
रायसेन ऐतिहासिक नगरी सांची वैसे तो इस ऐतिहासिक स्थल पर वर्षो पूर्व रेशम केंद्र को अस्तित्व में लाया गया था तब इसमे हरेभरे छोटे बडे पेड हुआ करते थे तथा इस केंद्र पर रेशम के कीडे पाले जाते थे इन्हें पालने लगभग सवा एकड भूमि में शहतूत के पेडों को लगाया जाता था तथा रेशम पैदा की जाती थी परन्तु इस रेशम केंद्र से विभाग अपना टीम टाम समेत कर गायब हो गया तब से ही यह केंद्र वीरानी की जद्दोजहद कर रहा है अब इसमे लगे बडे बडे पेडों का काटकर धराशायी कर दिया गया तथा नगर परिषद प्रशासन ने अपना ठिकाना बना डाला इस ऐतिहासिक नगर में वर्षों पूर्व रेशम केंद्र को अस्तित्व में लाया गया था यह रेशम केंद्र लगभग सवा एकड भूमि में फैला हुआ था तथा इसमे रेशम कीडे पाले जाते थे इस परिसर में शहतूत के पेड बडी संख्या में लगाए जाते थे तथा विभाग रेशम बनाने का काम करता था इस सारी प्रक्रिया को जानने देशी विदेशी पर्यटकों का भी तांता लगा रहता था केंद्र का अपना स्वयं का ट्यूबवेल हुआ करता था जिससे पौधों में पानी की समस्या हल की जाती थी परन्तु समय बीता एवं रेशम केंद्र को पलीता लग गया विभाग अपना तामझाम समेट कर रातों रात गायब हो गया इस रेशम केंद्र के बंद होने की किसी को भी जानकारी नहीं लग सकी इस केंद्र में बडे बडे विभिन्न प्रजातियों के पेड हुआ करते थे केंद्र के हटने के साथ ही ट्यूवेल भी उजड गया तथा लावारिस हालत में होने से यह केंद्र उजड गया जहाँ एक ओर सरकार प्रदेश भर को हराभरा करने अभियान चलाया इस बीच देश के प्रधानमंत्री ने भी अधिकाधिक पौधरोपण करने एक पेड मां के नाम लगाने का जोरशोर से अभियान चलाया तथा सभी विभाग इस अभियान में रातदिन जुट गए वहीं दूसरी ओर इस अभियान को ठेगा दिखाते हुए इस केंद्र पर लगे बडे बडे पेडों को काटकर धराशायी कर दिया गया तथा छोटे पेडों को भी धराशायी कर हरे भरे पेडों को उजाड़ दिया गया ।जबकि मुख्यमंत्री स्वयं रेशम को बढावा देने की कवायद में जुटे हुए हैं परन्तु मुख्यमंत्री के इस अभियान को भी पलीता लग गया हालांकि इस रेशम केंद्र के उजडऩे का राज आज तक नही खुल सका तथा इस रेशम केंद्र की भूमि हथियाने की कवायद कहा चल रही हैं किसी को नहीं पता ।फिर भी इस केंद्र पर खडे बडे बडे पेडों का सफाया न केवल सरकार के पौधरोपण अभियान पर पानी फेरा जा रहा है बल्कि प्रधानमंत्री द्वारा चलाया गया एक पेड मां के नाम को भी ठेगा दिखाते हुए इस स्थल पर रेशम केंद्र सहित अन्य विभागों में पेडों के सफाया अभियान चलाया जा रहा है इसमे शामिल पशुचिकित्सालय मे भी बडे बडे कटाई किये गए पेडों को देखा जाता हैं इसके साथ ही केंद्र के आगे पीछे खडे तमाम पेडों का विनाश कर दिया गया इस के साथ ही तत्कालीन राजस्व निरीक्षक के कार्यालय परिसर में भी कटाई किये पेड आसानी से दिखाई दे जाते है इतना ही नहीं इस उजडे रेशम केंद्र को नगर परिषद ने भी अपना कब्जा जमा डाला तथा अपने पानी टेंकर ट्राली सहित इस केंद्र परिसर को कचरा इकट्ठा करने का ठिकाना बना डाला जिससे इस रेशम केंद्र के पीछे का मामला अभी तक अंधेरे में छिपा हुआ है इस केंद्र पर दोत्तीन पक्के भवन भी बने हुए हैं जिन्हें तालों के हवाले किया गया है