हिमाचल प्रदेश में समोसा कांड को लेकर विवाद तूल पकड़ता जा रहा है, और अब सीएम कार्यालय से एक नया आदेश जारी किया गया है. इस आदेश में चिंता जताई गई है कि कुछ तस्वीरें मुख्यमंत्री के अनुशासनात्मक हाव-भाव को गलत तरीके से प्रस्तुत कर सकती हैं, जिससे उनकी छवि को नुकसान हो सकता है.
यह प्रतिबंध विभागीय बैठकों, आधिकारिक कार्यक्रमों या सार्वजनिक समारोहों के दौरान ली गई मुख्यमंत्री की तस्वीरों पर लागू होगा। सचिवों और विभागीय प्रमुखों को लिखे पत्र में डीआईपीआर ने कहा कि उनके संज्ञान में आया है कि मुख्यमंत्री की तस्वीरें मीडिया को पूर्व स्वीकृति के बिना जारी की जा रही हैं।
छवि को नुकसान पहुंचा सकती हैं तस्वीरें
पत्र में आशंका जाहिर की गई है कि कुछ मामलों में, ये तस्वीरें अनुचित हाव-भाव दिखाती हैं और संभावित रूप से मुख्यमंत्री की सार्वजनिक छवि को नुकसान पहुंचा सकती हैं। पत्र में कहा गया है, “तस्वीरों के इस अनियमित प्रसार के दूरगामी परिणाम हो सकते हैं, जो मुख्यमंत्री के साथ-साथ सरकार की छवि और धारणा को प्रभावित कर सकते हैं।”
समोसा कांड के बाद सतर्क हुई सरकार
हाल ही में सीआईडी के एक कार्यक्रम में हुए समोसा कांड के बाद सरकार सावधान हुई है। दरअसल सीएम सुक्खू एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे, जिसमें होटल रेडिसन से समोसे और केक मंगाया गया था। यह केक सीनियर अधिकारियों के लिए था, लेकिन गलतफहमी में सुरक्षाकर्मियों को बांट दिया गया। ऐसे में बवाल मच गया और सीआईडी ने जांच बैठा दी। जांच अधिकारी ने इसे सरकार विरोधी कृत्य बता दिया और जांच रिपोर्ट लीक हो गई। जांच रिपोर्ट बाहर आते ही विपक्ष ने मुद्दा बना लिया और कहा कि सीएम के समोसे कोई और खा गया तो इस पर सीबीआई जांच हो रही है। बाद में सीएम सुक्खू से लेकर सरकारी जनसंपर्क अधिकारी और सीआईडी के अधिकारी ने भी सफाई दी। हालांकि, अभी भी विपक्ष समोसे को लेकर सरकार को घेर रहा है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए ही यह आदेश जारी किया गया है।