उरई । उत्तर प्रदेश गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष श्री श्याम बिहारी गुप्ता, सदस्य राजेश सिंह ने जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय और पुलिस अधीक्षक डॉ. दुर्गेश कुमार के साथ कलेक्ट्रेट सभागार में जनपद की गौशालाओं की व्यवस्था के संबंध में प्रस्तुतीकरण किया गया । इस प्रस्तुतीकरण में दौरान जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने अपने प्रयासों के बारे में जानकारी दी और गौवंशों की बेहतर देखभाल के लिए प्रयास किये जा रहे हैं।
गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष ने सबसे पहले गौशालाओं की निगरानी के लिए बनाए गए कंट्रोल रूम का निरीक्षण किया। इसके साथ ही उन्होंने सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से गौशालाओं के केयरटेकर से संवाद भी किया और वहां की स्थिति का जायजा लिया।
जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि जिले में निराश्रित गौवंशों के लिए गौशालाओं और गौ आश्रय स्थलों की निगरानी लगातार की जा रही है। उन्होंने कहा कि जनपद में कुल 413 गौशालाएं और अस्थायी गौ आश्रय स्थल स्थापित किए गए हैं, जिनमें 42,000 से अधिक गाय और नंदी रह रहे हैं। इन गौशालाओं में 82 नोडल अधिकारियों की तैनाती की गई है, जो निराश्रित गौवंशों की समस्याओं से किसानों और आम नागरिकों को निजात दिलाने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं। इसके अलावा, जिला प्रशासन ने सड़कों और खेतों में घूम रहे निराश्रित गौवंशों के ब्लॉक स्पॉट को चिन्हित किया है और इन पर विशेष अभियान चलाया जा रहा है। कैटल कैचर के माध्यम से इन गौवंशों को पकड़कर गौशालाओं और अस्थायी गौ आश्रय स्थलों में भेजा जा रहा है। साथ ही, इन गौशालाओं में 24 घंटे केयरटेकरों की तैनाती की गई है, ताकि गौवंशों की देखभाल सुनिश्चित की जा सके। केयरटेकरों के नाम और मोबाइल नंबर को बोर्ड पर प्रदर्शित किया गया है, ताकि किसी भी नागरिक को किसी भी समय जानकारी मिल सके।गौशालाओं में गौवंशों की देखभाल के लिए भूसा, हरा चारा और पानी की व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई है। इसके साथ ही, गौशालाओं के मुख्य द्वार, चरही और भूसा घर पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, ताकि इनकी निगरानी की जा सके। सभी गौशालाओं और गौ आश्रय स्थलों की 24 घंटे मॉनिटरिंग के लिए कलेक्ट्रेट में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है, जिससे कर्मचारियों द्वारा गौशालाओं की नियमित निगरानी की जा रही है।
गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्ता ने इस व्यवस्था को सराहते हुए इसे पूरे प्रदेश के लिए एक आदर्श मॉडल बताया। उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था प्रदेशभर में एक मिसाल के रूप में उभरेगी। उन्होंने किसानों से अपील की कि गो आधारित कृषि/ जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए कम से कम एक गाय का प्रत्येक किसान पालन करें, जिससे न केवल उनका खुद का लाभ होगा, बल्कि पर्यावरण को भी लाभ पहुंचेगा। श्री गुप्ता ने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के तहत प्रत्येक किसानों एवं स्वयं सहायता समूह को गौशालाओं से गाय प्राप्त करने के लिए प्रति गाय 1500 रुपये की सहायता राशि दी जाएगी। उन्होंने कहा कि यह योजना किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में सहायक सिद्ध होगी। इसके अलावा, श्री गुप्ता ने गौशालाओं से स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को जोड़ने की आवश्यकता को रेखांकित किया। इससे महिलाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे और वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकेंगी। जनपद जालौन में गौवंशों की देखभाल के लिए की जा रही व्यवस्थाओं को और भी मजबूत किया है। यह पहल न केवल जिले में गौवंशों के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि राज्य में गौ सेवा के क्षेत्र में एक नई दिशा भी दिखाएगी।
इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी राजेंद्र कुमार श्रीवास, प्रभारी जिला विकास अधिकारी महेंद्र चौबे, डीसी मनरेगा रामेन्द्र सिंह, उप कृषि निदेशक एसके उत्तम, जिला पंचायत राज अधिकारी राम अयोध्या प्रसाद, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी मनोज कुमार अवस्थी सहित अन्य संबंधित अधिकारी भी मौजूद रहे।