Jharkhand Assembly Election 2024: झारखंड में विधानसभा चुनाव के बीच भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष ने ही पाला बदल लिया है। बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रणव वर्मा ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने जेएमएम का दामन थाम लिया है। पूरे राज्य में ही पार्टी के लिए यह बुरी खबर है। हालांकि, इसका सबसे ज्यादा असर गिरिडीह में होगा। प्रणव वर्मा कोडरमा के पूर्व सांसद रीतलाल प्रसाद वर्मा के बेटे हैं। झारखंड में भारतीय जनता पार्टी को स्थापित करने में बीजेपी का जनाधार तैयार करने में रीतलाल वर्मा ने अहम भूमिका निभाई थी। अब उनके बेटे के पाला बदलने से बीजेपी के जनाधार पर भी असर पड़ेगा।
झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेताओं से बाहें खोलकर पार्टी में प्रणव का स्वागत किया है। खुद हेमंत सोरेन ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। उनके पार्टी में शामिल होने की तस्वीरों को शेयर करते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा की तरफ से लिखा गया “आज भाजपा नेता प्रवीण वर्मा और आजसू नेता विकास राणा ने अपने समर्थकों के साथ झामुमो परिवार का दामन थामा। झामुमो परिवार का कुनबा रात-दिन बढ़ रहा है। आप सभी का झारखण्ड मुक्ति मोर्चा परिवार में हार्दिक स्वागत है, जोहार।”
बीजेपी पर लगाए गंभीर आरोप
बीजेपी से इस्तीफा देते हुए प्रणव ने लिखा “प्रिय साथियों, मैं भारी मन और गहरे भावुकता के साथ आप सभी के समक्ष कुछ शब्द साझा कर रहा हूं। जैसा कि आप सब जानते हैं, मेरे पिताजी भूतपूर्व भाजपा सांसद स्व. रीतलाल प्रसाद वर्मा जी ने अपना संपूर्ण जीवन, अपना खून-पसीना इस भाजपा को खड़ा करने में लगा दिया था। श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी और आदरणीय लालकृष्ण आडवाणी जी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर झारखंड (तत्कालीन दक्षिण बिहार) में पार्टी को अपने अस्तित्व में लाने में उन्होंने जो योगदान दिया। उनके बलिदान, त्याग और मेहनत का हर कण आज भी हमारे दिलों में बसता है। यह मेरी सौभाग्य की बात थी कि मुझे उस पार्टी की सेवा करने का अवसर मिला जिसके हर कण में मेरे पिताजी की मेहनत की महक है। मैंने भी अपनी हर सांस, अपने तन-मन-धन से पार्टी को सींचने का संकल्प लिया। जो भी दायित्व मुझे सौंपा गया, उसे मैंने निष्ठा और ईमानदारी से निभाने का प्रयास किया। लेकिन, पार्टी के लिए अपना जीवन खपा देने वाले कार्यकर्ताओं को जब सम्मान नहीं मिलने लगा तो मुझे ऐसा महसूस हुआ कि अब वह पार्टी, वह आदर्श, वह सिद्धांत नहीं बचे हैं जिनके लिए मेरे पिताजी ने अपना सर्वस्व अर्पित किया था। पार्टी ने अटल-आडवाणी के उस युग से कदम पीछे खींच लिए हैं, और इस बदलाव ने मेरे हृदय में गहरा दर्द पैदा कर दिया है। यह दर्द और गहरा तब हुआ जब मुझे और मेरे जैसे समर्पित कार्यकर्ताओं को लगातार दरकिनार किया गया। मेरे पिताजी के राजनीतिक और सामाजिक योगदान, मेरे परिवार की विरासत, और मेरे अपने बीस वर्षों के मेहनत और निष्ठा को नजर अंदाज किया गया। मेरी राजनीतिक और सामाजिक पूंजी को समाप्त करने के लिए लगातार षड्यंत्र रचे जाने लगे।यह बात मेरे लिए अत्यंत दुखदायी रही है कि जहां मेरे पिताजी और बड़े पिताजी स्व. जेपी कुशवाहा जी जैसे महान नेताओं ने हमारे समाज को एक दिशा देने का कार्य किया, वहां उनके योगदान को धूमिल करने की कोशिश की गई। इन सब से दुखी होकर भारी मन से मैं पार्टी को छोड़ रहा हूं और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता सहित तमाम दायित्वों से इस्तीफा दे रहा हूं। मैं पुनः एक नई ऊर्जा, नए विश्वास और नई सोच के साथ आप सबके बीच आ रहा हूं। मेरा विश्वास है कि जैसे आप मेरे पिताजी के कंधे से कंधा मिलाकर चले थे, जैसे आपने मुझे सदा अपने बेटे या भाई की तरह सहयोग किया वैसे ही मेरे साथ आगे भी इस नए सफर में साथ रहेंगे। आपका यह स्नेह और समर्थन मेरे लिए बहुत मूल्यवान है, और उम्मीद करता हूं कि आपके आशीर्वाद का यह मोल मैं हमेशा संजो कर रखूंगा। आपका, प्रणव वर्मा”