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8 Nov 2024, Fri

CM मोहन यादवकी बड़ी सौगात,54 लाख बच्चों को सिंगल क्लिक से मिली 324 करोड़ की राशि,14 शिक्षकों को भी किया सम्मानित

भोपाल के प्रशासन अकादमी में सीएम डॉ. मोहन यादव और राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने प्रदेश के 54 लाख स्टूडेंट्स की यूनिफॉर्म के लिए 324 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए। राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने 14 शिक्षकों को राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान भी प्रदान किए। कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह, एसीएस जेएन कंसोटिया, लोक शिक्षण आयुक्त शिल्पा गुप्ता, स्कूल शिक्षा सचिव संजय गोयल भी मौजूद रहे।

CM बोले- राम-कृष्ण के जीवन के उत्कृष्ट प्रंसगों को माइथोलॉजी में डालना दुर्भाग्यपूर्ण

सीएम डॉ मोहन यादव ने कहा, हमें जब- जब चुनौती मिलती है तो हमारी शिक्षा परंपरा की भूमिका आती है। विद्यालय में दी गई शिक्षा और आदर्श वातावरण की भूमिका आती है। इसलिए हमारे दुश्मन सदैव उस बात को जानते हैं जिसके कारण से हम इन कष्टों से भी निकल कर आते हैं। पहले जब हमारे ऊपर आक्रमण हुए तो उन्होंने तक्षशिला को जलाया, नालंदा को जलाया हमारे विश्वविद्यालयों पर आक्रमण किया। ये 2000 साल पहले हुआ और 200 साल पहले भी हुआ।

जब लॉर्ड मैकाले हमारे आए तो उन्होंने सारी शिक्षा व्यवस्था ध्वस्त किया। इसमें – उसमें कोई अंतर नहीं लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिक्षा नीति 2020 लेकर आए तो उन्होंने कहा पाठ्यक्रम के अंदर कौन सा विषय होना चाहिए? जो गौरवशाली अतीत पर गर्व कर सके। वह विषय होना चाहिए। इसलिए उसको काल के प्रवाह में पता नहीं क्या-क्या कहते थे, भगवान राम और कृष्ण के जीवन के प्रसंगों को लेकर केवल उनको कर्मकांड की माइथोलॉजी में डाल देना ये दुर्भाग्य की बात है।

राज्यपाल बोले- माता पिता के बाद जीवन में शिक्षक का महत्वपूर्ण योगदान

राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने कार्यक्रम के शुरुआत में कहा कि मप्र के विकास के लिए कभी हवाई जहाज उड़ाते हैं, कभी उद्योग बटोरने के लिए जाते हैं। ऐसे मुख्यमंत्री मप्र को मिले हैं। हमारे सामने डॉ राधाकृष्णन जी का फोटो रखा है। उनसे कभी पूछा कि जन्मदिन मनाना है। तो उन्होंने कहा कि जन्मदिन मनाना है तो शिक्षकों का जन्मदिन मनाओं, यानि जन्मदिन मनाओं तो शिक्षकों को सम्मान मिले।

स्कूल शिक्षा मंत्री बोले- शिक्षा व्यवस्था में अतिथि शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान

स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने कहा मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी मुझे मिली और पिछले 9- 10 महीनों में हमने यह प्रयास किया कि चलती हुई शिक्षा व्यवस्था को बगैर कोई छेड़छाड़ किए बेहतर परिणाम व्यवस्था, बेहतर संसाधन और बेहतर परिवेश देने का प्रयास किया। बच्चों की परफॉर्मेंस श्रेष्ठतम करने की दिशा में प्रयास कर रहे हैं।

भारत ताकतवर बनना चाहता है लेकिन, दुनिया में शांति के लिए

सीएम ने कहा- हमारे लिए तो यह भारत का विश्व गुरु बनने का सपना है। कोई धनी बनना चाहता है, कोई ताकत वाला बनना चाहता, लेकिन भारत ने अपना मार्ग कौन सा खोजा है? भारत ने गुरु का मार्ग खोजा। गुरु अर्थात अंधेरे से प्रकाश की ओर ले जाने वाली भावना। जिसको वेद वाक्य में कहा गया सर्वे भवंतु सुखिन: सर्वे संतु निरामया….. यह जो उदाक्त भाव है जिसमें हम दुनियां के अंदर अज्ञानता को मिटाना चाहते हैं। अच्छाई और मानवता को स्थापित करना चाहते हैं।। लेकिन ये भावना आती कहां से है? ये आती है शिक्षा और ज्ञान के माध्यम से। ये गुरु परंपरा से आती है।

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