सूरत गुजरात सरकार द्वारा टेक्सटाइल पालिसी 2024 की घोषणा की गयी वो टेक्सटाइल उद्योग के लिए सराहनीय है ।इसमें आने वाले 5 वर्षों में 30000 करोड़ का नया इन्वेस्टमेंट आएगा और व्यापार व रोज़गार को बल मिलेगा परन्तु इसका फ़ायदा बड़े और विदेशी ब्रांड को होगा छोटे छोटे व्यापारी व कपड़ा बाज़ार के 70000 व्यापारी भाई जो आज प्रतिदिन 5 करोड़ कपड़ा का फिनिश उत्पादन बनाते है उनको इस पालिसी का सीधा कोई लाभ नहीं होगा । टेक्सटाइल पालिसी में इनका समावेश किया जाता तो सभी घटको के साथ सार्थक परिणाम आते ।
टेक्सटाइल पालिसी 2024
(P. M. Mitra park ) में सब्सिडी 35% अन्य जगह 20% सब्सिडी से 30 करोड़ तक रिटर्न सब्सिडी कैसे मिलेगा समझे :-
(P.M मित्रा पार्क)
गारमेंट ,अपेरेल, टेक्निकल टेक्सटाइल , मेडअप्स , आदि में रिटर्न
300 करोड़ का इन्वेस्टमेंट
कैपिटल सब्सिडी 35% 100 करोड़
इंटरेस्ट सब्सिडी 5-7%
18 करोड़
वेतन सपोर्ट
9 करोड़
पॉवर सब्सिडी
4 करोड़ (अंदाजीत )
200 करोड़ यूनिट इन्वेस्टमेंट को :-
कैपिटल सब्सिडी 60 करोड़ (30%)
इंटरेस्ट सब्सिडी
14 करोड़ ( 5-7%)
वेतन सपोर्ट
9 करोड़
पॉवर सब्सिडी
3 करोड़ (अंदाज़ित)
60 करोड़ इन्वेस्टमेंट यूनिट
कैपिटल सब्सिडी
15 करोड़ ( 25%)
इंटरेस्ट सब्सिडी
4 करोड़ ( 5-7%)
वेतन सपोर्ट
9 करोड़
पॉवर सब्सिडी
1 करोड़ ( अंदाज़ित)
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2. वीविंग , डाइंग प्रिंट प्रोसेसिंग , निटिंग होज़ियारी , टेक्सीराइजिंग , टीविस्टिंग, MMF स्पिनिंग को लाभ निम्न प्रकार होगा समझे :-
100 करोड़ इन्वेस्टमेंट यूनिट
कैपिटल सब्सिडी
20करोड़ (20%)
इंटरेस्ट सब्सिडी
5.7 करोड़ (5-7%)
वेतन सपोर्ट
नील (00)
पॉवर सब्सिडी
1.3 करोड़ ( अंदाजीत )
50 करोड़ इन्वेस्टमेंट यूनिट
कैपिटल सब्सिडी
9 करोड़ (18%)
3.4 करोड़ (5-7%)
वेतन सपोर्ट
नील (00)
पॉवर सपोर्ट
70 लाख ( अंदाजीत )
10 करोड़ इन्वेस्टमेंट यूनिट
कैपिटल सब्सिडी
1 करोड़
इंटरेस्ट सब्सिडी
3.4 करोड़ (5-7%)
वेतन सपोर्ट
नील (00)
पॉवर सब्सिडी
15 लाख ( अंदाजीत )
गुजरात टेक्सटाइल पालिसी 2024 में P. M. Mitra पार्क के सभी लाभों में FDI इन्वेस्टमेंट और बड़ी बड़ी कंपनी का ही इन्वेस्टमेंट आएगा और वहाँ ब्रांड का ही काम है । गुजरात के छोटे छोटे व्यापारी को वहाँ कैसे काम मिलेगा।
2. अभी जो टेक्सटाइल घटक जिनके पास घर का ज़मीन है वो type 2 का इन्वेस्टमेंट कर कच्चा रो मैटेरियल या सर्विस (job) कर मशीन बढ़ाकर सरकार की स्कीम का लाभ लेंगे । इससे कपड़े का उत्पादन तो बढ़ेगा परन्तु बेचने वाले 70000 कपड़ा व्यापारी को इस पालिसी में क्या लाभ है जो लास्ट प्रोडक्ट बनाने तक सरकार का रेवन्यू दिलाने तक काम कर रहा है उसे कोई क्या लाभ इस पालिसी में मिला ।
फोस्टा के पूर्व महामंत्री एवम् कैट के टेक्सटाइल & गारमेंट के राष्ट्रीय चेयरमैन चम्पालाल बोथरा सूरत ने बताया कि वर्ष 2015 से केंद्र सरकार व गुजरात सरकार से रजुआत कर कपड़ा मैन्युफ़ैक्चरर को MSME में शामिल करने और गारमेंट हब बना इन 70000 व्यापारी को सरकारी सब्सिडी , इंटरेस्ट सब्सिडी आदि का सपोर्ट मिले रेगुलर सरकार से संवाद किया था ।
2017 में केंद्र सरकार ने कपड़ा व्यापारी को MSME
में शामिल किया एवम् गुजरात के मुख्यमंत्री श्री विजय भाई रूपानी जी ने गुजरात को गारमेंट हब देके सब छोटे छोटे ट्रेडर्स , मैन्युफ़ेक्चर व्यापारियो को टेक्सटाइल में आगे बढ़ने और एक्सपोर्ट बढ़ाने की नई दिशा दी थी ।
गुजरात टेक्सटाइल गारमेंट पालिसी 2017:-
सरकार ने पूँजी निवेश और व्यापार रोज़गार बढ़ाने के उद्देश्य के साथ टैक्सटाइल उद्योग को देश विदेश में नई पहचान मिले और गुजरात का कपड़ा, गारमेंट , अपरेल को प्रोहत्साहन मिले ब्रांड बने ।
इसमें सरकार चयनित स्थानों पर परिधान कारख़ानों के लिए तैयार शेड उपलब्ध कराने का निर्णय लायी थी जो दीर्घकालिक पट्टे या किराये पर प्रदान करने की योजना थी ।
GIDC की संपदाओं में बहुमंज़िल शेड के निर्माण के लिए उपयुक्त भूखंड की पहचान कर GIDC से आवंटन करने की योजना थी ।
श्रमिकों के लिए आवास , शयनगृह , छात्रावास आदि की शेड बनाके व्यवस्था की बात कही गयी थी ।
प्रशिक्षण संस्थान , भवन ,उपकरण और मशीनरी में निश्चित पूँजी निवेश को कवर करते हुए परियोजना लागत के 85% तक की सहायता करेगी जो 3करोड़ रुपए की सीमा के अधीन होगी जैसी स्कीम लायी थी । साथ ही रेडीमेड गारमेंट / अपरेयल इकाईयो को प्रोहत्साहन की पहल के रूप में बिल राशि में 1/- रुपया प्रति यूनिट पॉवर सब्सिडी और
50% परिधान प्रक्रिया के लिए वेतन राज्य सरकार प्रदान करने वाली योजना थी ।इंटरस्ट सब्सिडी 5% की दर 5 वर्ष की अवधि के लिए 7.5करोड़ प्रति वर्ष होगी का प्रावधान लायी थी
इसमें 150 मशीनों का कारख़ाना जिस्म कटिंग ,सिलाई मशीन सहित 300 कर्मचारी को रोज़गार मिलना चाहिए था ।
इसको अलग परिसर में लगाना जिससे पहचान योग्य पूँजी निवेश यानी नया सयंत्र और मशीनरी , परिसर / भवन में हो और इसका हिसाब किताब भी अलग हो ।
गुजरात सरकार की 2017 की गारमेंट पालिसी का लाभ 70000 व्यापारियो के साथ नये स्टार्टअप , छोटे छोटे व्यापारी सभी ले सकते थे और 70000 कपड़े के सूरत के व्यापारी एमएसएमई में अपना फैब्रिक अपना गारमेंट बना कम लागत में डोमेस्टिक और एक्सपोर्ट में सही मायने में गुजरात टेक्सटाइल को आगे बढ़ा सकते थे सरकार अभी भी धरातल को समझे और पालिसी में सुधार कर सभी घटको को जोड़े जिससे हो सभी योजना को मूर्त रूप मिलेगा ।CAIT शीघ्र ही प्रवीण खंडेलवाल के नेतृत्व में केंद्र सरकार और राज्य सरकार से संवाद करेगे