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18 Oct 2024, Fri

साध्वी समदर्शी गिरी का वात्सल्यग्राम से गहरा जुड़ाव है।रविंद्र आर्य : श्री शक्ति पीठ का उद्देश्य समाज में आध्यात्मिक जागरूकता फैलाना है।

सुनील त्रिपाठी/ रविंद्र आर्य

प्रखर न्यूज़ ब्यूज एक्सप्रेस

साध्वी समदर्शी गिरी एक प्रखर हिन्दू वक्ता, कथावाचक, एवं वेदांती प्रवक्ता हैं। वे हिन्दू धर्म और वेदांत के गूढ़ सिद्धांतों को सरल और सुलभ तरीके से जनमानस तक पहुंचाने में निपुण हैं। उनका प्रवचन और कथा वाचन श्रोताओं के बीच आध्यात्मिक चेतना और भक्ति की भावना जागृत करने का कार्य करता है।

परिचय एवं परिवार

साध्वी समदर्शी गिरी का जन्म एक धार्मिक और संस्कारी हिन्दू परिवार में हुआ। उनके परिवार ने हमेशा उन्हें धार्मिक शिक्षा और हिन्दू संस्कृति का पालन करने के लिए प्रेरित किया। प्रारंभिक जीवन से ही साध्वी जी ने धार्मिक ग्रंथों और वेदों का अध्ययन किया और वेदांत के गहरे सिद्धांतों में रुचि ली। परिवार का समर्थन और अध्यात्मिक पृष्ठभूमि ने उन्हें आध्यात्मिकता के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया।

साध्वी समदर्शी गिरी का वात्सल्यग्राम से गहरा जुड़ाव है। वात्सल्यग्राम, जिसे साध्वी ऋतंभरा जी ने स्थापित किया है, एक अनूठी संस्था है जो महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के पुनर्वास और उनके संपूर्ण विकास के लिए समर्पित है। इस संस्था का उद्देश्य एक परिवार जैसी संरचना प्रदान करना है, जहां अनाथ बच्चे, बुजुर्ग, और महिलाएं एक-दूसरे का सहारा बनकर प्रेम और वात्सल्य के साथ रह सकें

साध्वी समदर्शी गिरी, इस संस्था के कार्यों में योगदान देकर समाज में सेवा भावना को प्रोत्साहित करती हैं। उनका यहाँ का जुड़ाव आध्यात्मिक, सामाजिक और सेवा के कार्यों के माध्यम से है, जिससे वे धर्म और मानवता की सेवा कर रही हैं। उनके प्रयासों से वात्सल्यग्राम की गतिविधियाँ और भी प्रभावशाली होती हैं, और इस कार्य के माध्यम से वे समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश कर रही हैं।

श्री शक्ति पीठ, राजस्थान एक धार्मिक और आध्यात्मिक संस्था है, जो समाज के उत्थान और सेवा के लिए समर्पित है। इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय संस्कृति, सनातन धर्म और वैदिक परंपराओं का संरक्षण और प्रचार-प्रसार करना है। इसके अलावा, यह संस्था समाज में धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों को पुनर्जीवित करने का प्रयास करती है।

श्री शक्ति पीठ, राजस्थान के विशेष कार्य:

धार्मिक और आध्यात्मिक शिक्षा: संस्था द्वारा वेद, पुराण, उपनिषद, और गीता जैसे धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन और शिक्षण किया जाता है। इसका उद्देश्य समाज में आध्यात्मिक जागरूकता फैलाना और लोगों को धर्म के मार्ग पर प्रेरित करना है।

कथावाचन एवं प्रवचन:श्री शक्ति पीठ नियमित रूप से धार्मिक प्रवचन और कथा वाचन के कार्यक्रम आयोजित करती है। इन कार्यक्रमों के माध्यम से साध्वी समदर्शी गिरी जैसे वक्ता समाज को धार्मिक, नैतिक और जीवन मूल्यों की सीख देते हैं।

सेवा कार्य:यह संस्था जरूरतमंदों की सेवा में भी योगदान देती है, जैसे कि गरीबों के लिए भोजन वितरण, शिक्षा में मदद, और चिकित्सा शिविरों का आयोजन। इसके माध्यम से वे समाज के हर वर्ग के लिए सहयोग और समर्थन का काम करते हैं।

महिला सशक्तिकरण:श्री शक्ति पीठ महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम और कार्यशालाओं का आयोजन करती है। इसमें धार्मिक शिक्षा के साथ-साथ महिलाओं के लिए विभिन्न कौशल विकास के कार्यक्रम भी शामिल हैं।

संस्कृति और परंपराओं का संरक्षण:* संस्था विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक त्योहारों और अनुष्ठानों का आयोजन कर भारतीय संस्कृति और परंपराओं का संरक्षण करती है। इसका उद्देश्य समाज में सांस्कृतिक मूल्यों की जागरूकता बढ़ाना है।

श्री शक्ति पीठ, राजस्थान, इन प्रयासों के माध्यम से समाज में धर्म, सेवा, और सांस्कृतिक एकता को बढ़ावा देने का कार्य करती आ रही है। इसके माध्यम से लोगों के बीच भक्ति, सेवा, और नैतिकता की भावना जागृत होती है।

By archana

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