2009 में पहला चुनाव हारने के बाद नायब सैनी का राजयोग शुरू हुआ। 2014 में मनोहर सरकार में राज्यमंत्री, फिर सांसद, प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री बने। कंप्यूटर ऑपरेटर के तौर पर नायब सैनी ने भाजपा में शुरुआत की थी। पत्नी भी राजनीति में सक्रिय हैं।हरियाणा में भाजपा की जीत के नायक बने नायब सिंह सैनी एक बार फिर हरियाणा के मुख्यमंत्री बन गए। नायब सिंह सैनी ने हरियाणा के सीएम पद की शपथ ली। सैनी लाडवा से विधायक हैं। शपथ लेने के साथ वे हरियाणा के आठवें ऐसे नेता बन गए, जिन्होंने दो या इससे ज्यादा बार मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली है।
इससे पहले बंसीलाल, बनारसी दास गुप्ता, देवीलाल, भजनलाल, ओमप्रकाश चौटाला, भूपेंद्र सिंह हुड्डा और मनोहर लाल दो या इससे अधिक बार मुख्यमंत्री बन चुके हैं।
कैसे बने कंप्यूटर ऑपरेटर से सीएम?
नायब सिंह सैनी जब बीजेपी में शामिल हुए थे तब वह अंबाला पार्टी कार्यालय में कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में काम किया था। जिसके बाद वह हरियाणा बीजेपी किसान मोर्चा के महासचिव बने। इसके बाद बीजेपी के अंबाला युवा विंग से एक्टिव मेंबर बने। इस सबका पूरा ध्यान मनोहर लाला खट्टर ने रखा है।
2009 में हारे थे पहला चुनाव
पार्टी के काम में लगन को देखते हुए 2005 में उन्हें युवा मोर्चा अध्यक्ष पद सौंपा गया। 2009 में सैनी ने नारायणगढ़ से विधानसभा का चुनाव लड़ा, मगर कांग्रेस उम्मीदवार रामकिशन से हार गए। पहली हार के बाद ही उनका राजयोग शुरू हुआ। 2014 में उन्होंने फिर नारायणगढ़ हलके से चुनाव लड़ा। चुनाव जीतने के दो साल बाद पार्टी ने उन्हें राज्यमंत्री बनाया।
2019 में बने सांसद
सैनी के कामकाज और लोगों से जुड़ाव को देखते हुए भाजपा ने उन्हें 2019 में कुरुक्षेत्र लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया। सैनी ने करीब तीन लाख वोटों से जीत हासिल की। विनम्रता और सौम्य छवि को देखते हुए पार्टी ने 2023 में उन्हें एक बड़ी जिम्मेदारी देते हुए पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया।
गौ रक्षा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रबल समर्थक
नायब सिंह सैनी को गौ रक्षा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का प्रबल समर्थक माना जाता है। नायब सिंह सैनी ने बीए और एलएलबी की डिग्री हासिल करने के लिए मुजफ्फरपुर में बीआर अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय और मेरठ में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में दाखिला लिया। मनोहर लाल खट्टर से प्रभावित होकर सैनी ने बीजेपी ज्वॉइन की। 2010 में नारायणगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से रामकिशन गुर्जर से हार गए थे। 2014 में, विधानसभा चुनाव जीतकर हरियाणा सरकार में राज्य मंत्री बने थे। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में वे कुरुक्षेत्र से बीजेपी सांसद निर्वाचित हुए थे।