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24 Nov 2024, Sun

VIP सुरक्षा में अब तैनात नहीं होंगे NSG कमांडो, गृह मंत्रालय ने इन 9 नेताओं की सिक्योरिटी से हटाने का लिया फैसला

केंद्र सरकर ने आदेश दिया है कि सभी वीआईपी सिक्योरिटी ड्यूटी से NSG कंमाडो को हटा लिया जाए. क्योंकि इनका इस्तेमाल सिर्फ आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए किया जाएगा. जिन वीआईपी लोगों को बहुत ज्यादा खतरा है, उनकी सिक्योरिटी का कमान अब CRPF के हवाले होगा. अगले महीने से आदेश लागू हो जाएगा.

संसद की सुरक्षा से सेवामुक्त हुए CRPF जवानों को स्पेशल ट्रेनिंग दिलाकर उन्हें सीआरपीएफ वीआईपी सिक्योरिटी विंग में भेजा गया है. इसके लिए नई बटालियन बनाई गई है. अब ये जवान वीआईपी की सुरक्षा करेंगे. सूत्रों की माने तो इस समय 9 जेड-प्लस कैटेगरी के वीआईपी है, जिनकी सिक्योरिटी NSG के ब्लैक कैट कमांडो करते हैं.

राजनाथ और योगी समेत इन VIPs के पास NSG की सिक्योरिटी

ये हैं- यूपी की सीएम योगी आदित्यनाथ, बसपा सुप्रीमो मायावती, केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, पूर्व उप-प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, केंद्रीय जहाजरानी मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम रमन सिंह, जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद, एनसी नेता फारुक अब्दुल्लाह, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू. अब इनके पास से एनएसजी कमांडो हट जाएंगे. सीआरपीएफ सिक्योरिटी विंग कमान संभालेगी.

CRPF के पास 6 सिक्योरिटी बटालियन अब सातवीं बनाई गई

सीआरपीएफ के पास पहले से छह वीआईपी सिक्योरिटी बटालियन मौजूद है. नई बटालियन के साथ ये सात हो जाएंगी. नई बटालियन कुछ महीने पहले तक संसद की सुरक्षा में लगी थी. अब यह काम CISF को सौंपा गया है.

राजनाथ और योगी के पास एडवांस्ड सिक्योरिटी लाइसन

NSG सिक्योरिटी वाले 9 वीआईपी में से दो यानी राजनाथ सिंह और योगी आदित्यनाथ के पास एडवांस्ड सिक्योरिटी लाइसन (ASL) प्रोटोकॉल है. जिसे अब सीआरपीएफ ने टेकओवर कर लिया है. ASL मतलब किसी वीआईपी के किसी जगह पहुंचने से पहले उस जगह की छानबीन, सिक्योरिटी जांच, लोकेशन आदि की सुरक्षा जांच होती है. सीआरपीएफ अब ये सारा काम इन दोनों नेताओं के लिए करेगी. इसके पहले सीआरपीएफ अभी तक ASL का काम गृहमंत्री अमित शाह, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और गांधी परिवार के तीनों सदस्य.

2012 से चल रही थी इस चीज की तैयारी

देश में लगातार हो रहे आतंकी हमलों के बीच वीआईपी की सिक्योरिटी तनाव का विषय है. ऐसे में जरूरत दोनों तरफ थी. काफी सोचविचार करने के बाद सीआरपीएफ के सिक्योरिटी विंग को वीआईपी सुरक्षा में तैनात करने का फैसला लिया गया. खास ट्रेनिंग कराई गई. NSG को अब आतंकरोधी मिशन में ही तैनात किया जाएगा.

किन 9 लोगों की सुरक्षा में लगे थे NSG?

सूत्रों के मुताबिक नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) के ‘ब्लैक कैट’ कमांडो द्वारा संरक्षित ‘जेड प्लस’ श्रेणी के नौ वीआईपी लोगों में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा अध्यक्ष मायावती, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, भाजपा नेता और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद, नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू हैं, जिन्हें अब सीआरपीएफ का सुरक्षा घेरा प्रदान किया जाएगा।

सूत्रों के अनुसार, इन नौ वीआईपी में से दो को सीआरपीएफ द्वारा दिया जाने वाला उन्नत सुरक्षा संपर्क (एएसएल) प्रोटोकॉल भी प्रदान किया जाएगा। इनमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ हैं।

By archana

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