उमा भारती बोलीं रामभक्त BJP को ही वोट देगा, ऐसा अहंकार न पालें,हिंदू समाज धर्म व्यवस्था को एक नहीं करता

 


पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने कहा, 'जरूरी नहीं जो भाजपा को वोट नहीं दे, वह रामभक्त नहीं। हर रामभक्त भाजपा को वोट देगा, ऐसा अहंकार हमें नहीं पालना चाहिए।'

उमा भारती आज शनिवार को ग्वालियर से भोपाल जाने के दौरान शिवपुरी में भाजपा नेताओं से मिलीं। इस दौरान उन्होंने मीडिया से भी चर्चा की। उमा ने यूपी में लोकसभा में भाजपा को मिलीं कम सीटों पर चिंता जाहिर की। बोलीं- यूपी में निश्चित रूप से सीटें कम हुई हैं। यहां सामाजिक व्यवस्था अलग है। भाजपा समीक्षा करेगी। मैं भी अपना मत दूंगी।

हिंदू समाज धर्म व्यवस्था को एक नहीं करता

उमा भारती ने कहा, पहले हिंदू समाज का मन समझना होगा। हिंदू समाज, समाज व्यवस्था और धर्म व्यवस्था को एक नहीं करता है। उधर, इस्लामिक समाज है जो समाज व्यवस्था और धर्म व्यवस्था को एक करके चलता है। उसी हिसाब से अपना वोट देता है। लेकिन हिंदू समाज सामाजिक व्यवस्था के अनुरूप वोट देता है। हालांकि ऐसा बिल्कुल नहीं है कि हिंदुओं की रामभक्ति कम हो गई है। वे रामभक्त तो हैं, लेकिन किसी कारणवश वोट भाजपा को नहीं देना चाहते हैं।

उमा भारती से मीडिया ने 400 सीटों के दावों पर सवाल किया तो उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, मेरी तो इच्छा थी कि हम 500 से ज्यादा सीटें जीते, लेकिन यह जनता का निर्णय है, हम सबको स्वीकार करना चाहिए। पार्टी स्तर पर निश्चित ही इस बात की समीक्षा की जा रही है कि इस चुनाव में कहां चूक हुई। आपेक्षित परिणाम क्यों नहीं आए। 

अयोध्या में ढांचा गिराने के बाद भी हार गई थी भाजपा


उमा भारती ने कहा, उत्तर प्रदेश में लोकसभा के चुनावी परिणामों पर मोदी-योगी को ब्लेम करना ठीक नहीं है। 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद का ढांचा गिराने के बाद भी भाजपा हार गई थी। इसके बावजूद हमने अयोध्या में राम लला के मंदिर को अपने एजेंडे से बाहर नहीं किया था। हमारे हर चुनाव में अयोध्या रही थी। हमने कभी अयोध्या को वोट से नहीं जोड़ा, इसी तरह अब हम मथुरा-काशी को भी वोट से नहीं जोड़ रहे हैं। मथुरा-काशी हमारे हृदय से जुड़े हैं।

400 पार पर बोलीं - जरूरी नहीं कि भगवान हर इच्छा पूरी करे

लोकसभा चुनाव में 400 सीट नहीं मिलने पर पूर्व सीएम ने कहा, उनकी इच्छा 500 पार की थी, लेकिन भगवान हर इच्छा पूरी नहीं करते हैं। इस चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आप को प्रधान सेवक कहा था। हम सबने अपने आप को मोदी का परिवार कहा था। इसके बावजूद मंशा अनुरूप सीटें नहीं आईं, इसकी समीक्षा भाजपा करेगी। क्योंकि मैं समीक्षा करने वाली टीम में शामिल नहीं हूं। 400 की जगह 240 सीटें आने का कारण राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रसाद नड्डा ही बता पाएंगे।


 

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