महाकुंभ में संगम और अरैल में स्नान के दौरान रविवार को 14 लोग नदी में डूब गए। इनमें से 11 को बचा लिया गया, जबकि तीन युवक लापता हो गए। सोमवार को भी इनका पता नहीं चल सका। इनमें से एक बांदा और दो बिहार के रहने वाले हैं।
महाकुंभ में संगम और अरैल में स्नान के दौरान रविवार को 14 लोग नदी में डूब गए। इनमें से 11 को बचा लिया गया, जबकि तीन युवक लापता हो गए। सोमवार को भी इनका पता नहीं चल सका। इनमें से एक बांदा और दो बिहार के रहने वाले हैं। वहीं, डूबे लोगों की तलाश के दौरान ही नदी में एक शव भी मिला, फिलहाल उसकी शिनाख्त नहीं हो पाई। पहला हादसा सुबह दस के करीब संगम में हुआ। यहां आपस में टकराने के दौरान दो नाव में से एक पलट गई। इसमें सवार नौ श्रद्धालु नदी में डूबने लगे। जल पुलिस के जवानों ने तत्परता दिखाते हुए इन सभी को सकुशल बाहर निकाल लिया।
दूसरा हादसा दोपहर एक बजे के करीब संगम नोज के पास हुआ। यहां स्नान के दौरान बैरिया, बिहार निवासी अभिषेक व सत्यम कुमार डूब गए। आसपास के लोगों ने शोर मचाया तो एनडीआरएफ के जवानों ने तलाश शुरू की, लेकिन उनका कुछ पता नहीं चला। वहीं, तीसरा हादसा अरैल में नए पक्के स्नान घाट के पास हुआ। यहां बांदा के महुआ ब्लॉक निवासी पांच युवक स्नान करने के लिए पहुंचे। इनमें शामिल अखिलेश कुमार ने बताया कि वह घाट पर कपड़े व अन्य सामान की देखरेख करने लगा, जबकि चार दोस्त धीरज साहू, प्रिंस द्विवेदी, गणेश शर्मा और दुर्गेश तिवारी यमुना में उतरकर स्नान करने लगे।
इस बीच सभी अचानक गहराई में चले गए और डूबने लगे। प्रिंस बाहर निकल आया जबकि धीरज और गणेश को जल पुलिस के जवानों ने बचा लिया, हालांकि देखते ही देखते दुर्गेश पानी में समा गया। घंटों खोजबीन चलती रही, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला। अखिलेश ने बताया कि पांचों दोस्त सुबह ही नैनी स्टेशन पहुंचे थे। एसएसपी राजेश द्विवेदी ने बताया, 11 लोगों को बचा लिया गया, जबकि तीन लोग लापता हैं। उनकी तलाश की जा रही है। सोमवार को भी सर्च अभियान चलाया गया, लेकिन दोपहर बाद तक इनका कुछ पता नहीं चला।